सितंबर 2025: देश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अपने बच्चे के प्री-नर्सरी एडमिशन की फीस स्लिप शेयर की, जिसमें कुल फीस ₹1.85 लाख दिखाई गई। इस भारी-भरकम रकम में ट्यूशन फीस, ऐडमिशन चार्ज, एक्टिविटी फीस और डेवलपमेंट चार्ज जैसे कई मद शामिल थे।
शख्स ने लिखा, “बच्चा ABCD भी नहीं बोलता और स्कूल 1.85 लाख मांग रहा है। आम आदमी क्या करे?”
पोस्ट वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। हजारों यूज़र्स ने कमेंट करते हुए इसे “शैक्षणिक लूट” और “बिना रेगुलेशन का बाजार” बताया।
कई अभिभावकों ने अपने अनुभव भी साझा किए, जिनमें नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक की फीस ₹2–3 लाख सालाना तक बताई गई। कुछ ने सरकार से फीस कंट्रोल कानून लाने की मांग की।
यह मामला दिखाता है कि भारत में शिक्षा अब सेवा नहीं, बल्कि एक महंगा उत्पाद बनती जा रही है – और इसकी क़ीमत आम मध्यमवर्गीय परिवारों को चुकानी पड़ रही है।
